Vishal Ramawat

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THE WORST ANIMAL(HUMAN)-43

रास्ते में पानी पीने के लिए उन लोगों ने अपनी गाड़ी रोकी, यह एक गांव था अभी भी उनकी लोकेशन 5 किलोमीटर दूर दिखाई दे रही थी । 10 मिनट रुक कर वह लोग गाड़ी स्टार्ट करते हैं और वापस उस लोकेशन पर पहुंचने के लिए निकल जाते हैं। 20 मिनट में वह लोग एक जंगल के बाहर पहुंच जाते हैं जहां से उसकी लोकेशन 500 मीटर अंदर दिखाई दे रही थी।


सभी लोग गाड़ी से उतरे और सभी ने अपने अपने हाथों में गन ले ली, सभी धीरे-धीरे उस लोकेशन की तरफ बढ़ रहे थे।
थोड़ा चलने के बाद उन लोगों को धुआ निकलते हुए दिखाई दिया।  उन लोगों को पता चल गया था यही है वह लोग चौकन्ना हो गए, वह लोग बिना आवाज किए आपस में बिखर गए और धीरे-धीरे आगे बढ़ने लगे,  यहां लकड़ियों से एक कुटिया बना रखी थी।

उन लोगों ने आसपास नजर घुमाई तो वहां उन्हें कोई दिखाई नहीं दिया उन्हें पक्का कंफर्म हो गया था कि वह आदमी अंदर ही है। धीरे-धीरे उस कुटिया के पास पहुंचे और उस कुटिया को चारों तरफ से घेर लिया था।

वह लोग थोड़ा और नजदीक पहुंचे तो उन्हें कुछ आवाज सुनाई दे रही थी जो किसी के चिल्लाने की थी।

थोड़ा और नजदीक जाने के बाद उन्हें पता चल गया था कि यह क्या देख रहा है।

वह लोग एक साथ अंदर घुसे तो वह आदमी बिना कपड़ों में पड़ा हुआ था और गंदी हरकत कर रहा था।

इन लोगों को देखकर डर गया और वह अपने पास पड़ी गन उठाने की कोशिश करने लगा उसे पहले ही एक हवलदार ने उसके हाथ पर जोर से डंडा मार दिया और वह गन उसके हाथ से नीचे गिर गई। हवलदार ने उसको उठाकर अपने पास रख लिया।

उसे पकड़ कर बाहर लाया गया और हथकड़ी रहना दी, डीआईजी ने इस आदमी से बहुत पूछा पर यह बताने को तैयार ही नहीं था यह कुछ बोल ही नहीं रहा था। जोर-जोर से हस रहा था, जैसे इससे कोई फर्क नहीं पड़ रहा है।

कार्तिक ने अपनी जेब से एक चाकू निकाला और एक ही झटके में उस आदमी का प्राइवेट पार्ट काट कर उसके शरीर से अलग कर दिया। आदमी इतना तेजी से सीखा कि पूरे जंगल में उसके चीखने की आवाज सुनाई थी।

उसके शरीर से खून तेजी से निकलना शुरू हो गया था सब कुछ इतना जल्दी हुआ कि डीआईजी  को कुछ समझ ही नहीं आया।

वह आदमी बोला मैं बताता हूं मुझे मत मारो मैं सब कुछ बता दूंगा जितना मुझे पता है।

वह बोला हमारा एक साथी कूकस में है और दूसरा भांकरोटा में इसके अलावा मुझे कुछ नहीं पता।

कार्तिक वाला जब तुम्हें कुछ पता ही नहीं है तो तुम जी के क्या करोगे वैसे ही तुमने बहुत जी लिया इतना कहते कार्तिक ने आपने हाथ में पकड़ा चाकू उसकी गर्दन पर एक झटके में घुमा दिया। जहां से एक तेज रफ्तार के साथ खून निकलना शुरू हुआ और कुछ ही देर में उस आदमी लाश की लाश जमीन पर पड़ी थी । कार्तिक ने अपने हाथ जो खून से भीगे हुए थे उन्हें पोछा।

डीआईजी ने एक एंबुलेंस को फोन करके बुलाया और उसकी लाश को मुर्दा घर में पहुंचा दिया और एंबुलेंस वालों को बोल दिया था कि इसके बारे में किसी को पता नहीं चलना चाहिए। ऐसे ही कुछ लाशे  और मिलेगी। तुम्हें जब तक मेरा फोन ना आए तुम इसके बारे में किसी को कुछ नहीं बताओगे। मेरा जब भी कॉल आए तुम एंबुलेंस लेकर वहां पहुंच जाना।

एंबुलेंस वाला उसकी बॉडी को लेकर वहां से निकल जाता है। वह लोग कुकुस के लिए निकल जाते हैं। कार्तिक अपने लैपटॉप में पूरी कोशिश कर रहा था कि इसमें वो लोकेशन मिल जाए, पर उसे समझ में नहीं आ रहा था।

राजेंद्र और कमिश्नर उस लोकेशन पर पहुंच गए थे और उन्हें भी आदमी मिल गया था जो एक जंगल में बैठा हुआ था । वह खाना खा रहा था इसलिए वह लोग कुछ देर रुके । जब वह खाना खा कर उठा तो उन लोगों ने उसे पकड़ लिया । पहले तो वह भी कुछ बता नहीं रहा था जब उसकी अच्छी खासी धुनाई हुई तब वह बोलने को राजी हुआ।

उसने भी एक जने का नाम बताया जो अभी हाथी गांव में छुपा हुआ था। मौका पाकर वह आदमी वहां से भागने की कोशिश करने लगा। वह मुश्किल से कुछ कदम चला होगा कि पीछे से कमिश्नर ने उसके सिर में गोली मार दी और वह वहीं ढेर हो गया।

कमिश्नर ने भी एंबुलेंस को कॉल किया और 15 मिनट में वह एंबुलेंस वहां पहुंच गई। उसकी बॉडी को  ले कर चली गई। कमिश्नर और राजेंद्र वहां से निकल गए बताए गए दूसरे एड्रेस पर। ऐसे ही वह लोग एक-एक कर तक सभी तक पहुंच रहे थे और उनसे आगे की इंफॉर्मेशन लेकर वह लोग उसे मारते जा रहे थे।।

अब उन लोगों ने 6 लोगों को मार दिया था अब उनके पास कोई इंफॉर्मेशन नहीं थी कि वह आगे क्या करें लास्ट वाले लोगों ने इतना बताया था कि s.m.s. हॉस्पिटल।

अब वह लोग अब वापस एक ऐसी जगह पर खड़े हो गए थे कि जहां से उन्हें आगे का रास्ता दिखाई नहीं दे रहा था। अभी तक उनके पास जो भी इंफॉर्मेशन मिली थी वह अब खत्म हो चुकी थी।

आज का दिन भी पूरा निकल गया वह लोग अपने अपने घर के लिए निकल गए । कार्तिक बहुत परेशान था कि कैसे भी करके कुछ ना कुछ तो करना पड़ेगा। उसने रात को घर आकर s.m.s. हॉस्पिटल के बारे में पता लगाने की कोशिश की।

कार्तिक में एस एम एस हॉस्पिटल का डिटेल चेक किया तो वहां पर उसे कुछ इंफॉर्मेशन मिली जैसे कि जो भी लड़कियां गायब हुई थी और सभी एक दो बार s.m.s. हॉस्पिटल जरूर गई थी। और इन सभी का इलाज एक ही डॉक्टर ने किया था।

वह लोग भी परेशान हो गए थे क्योंकि वह अपने साथियों से कनेक्ट नहीं कर पा रहे थे। उन सभी का फोन बंद आ रहा था एक तरफ तो उन्हे लगा था कि उन लोगों ने फोन जानबूझकर बंद किया होगा जिससे पूरे पुलिस उन तक ना पहुंच सके यही सोचकर वह लोग शांत बैठे हुए थे। क्योंकि मीडिया में अभी तक कोई बात नही आई हुई थी।

अगले दिन सुबह से फिर तहकीकात शुरू हुई और पूरे जयपुर शहर में छान बीन होने लगी।  कुछ ना कुछ तो खबर लग जा पर बाकी के 6 लोगों के बारे में अभी तक कोई इंफॉर्मेशन नहीं मिली थी।

उनके बारे में पता लगाना जरूरी था। कार्तिक को पता नहीं क्या सूझा उसने एक प्लान ऐसा सोचा कि वह लोग खुद बाहर निकलेंगे।

कार्तिक ने मौली को तैयार किया अपने प्लान के लिए। मौली तैयार होकर हॉस्पिटल के लिए निकल गई।


मौली ने पहले काउंटर से रसीद कटवा ली और उससे पूछा तो मुझे नॉर्मल फीवर जैसा लग रहा है। किस डॉक्टर के पास जाना है तो उसने 6 नंबर ऑफिस में जाने का बोला।

मौली अपनी रिसिप्ट लेकर डॉक्टर के केबिन की और चली गई जहां पहले से लाइन लगी हुई थी। वह भी लाइन में लग गई कार्तिक दूर से ही उस पर नजर रख रहा था।

कुछ देर में मौली का नंबर आया अंदर गई डॉक्टर ने उससे उसका नाम और उम्र पूछी। तो वह बोली "मेरा नाम है मौली मैं अभी 18 की हूं।

डॉक्टर ने मास्क पहन रखा था और आंखों पर एक पतला चश्मा। मौली को देखकर लगा कि यह 27 से 30 साल का लड़का होगा।

उसने माली को ऊपर से नीचे तक देखा और बोला क्या तकलीफ है बताओ।

कार्तिक ने क्या सोचा और मौली को यह क्यों भेजा? जानने के लिए पढ़ते रहिए हमारी कहानी नेक्स्ट फाग जल्द आएगा तब तक अपना और अपने परिवार का ख्याल रखें क्योंकि कोई और रखने नहीं आएगा।

कमश:
।। जयसियाराम ।।

vishalramawat"सुकून"(जाना)


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3 Comments

Natasha

05-Apr-2023 01:16 PM

Nice

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👌👌👏

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वाह शानदार भाग

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